LYRIC
![](http://www.2035themes.com/tools/muusico/big_ads.jpg)
आरती श्री बगलामुखी जी की Aarti Shri Baglamukhi Ji Ki Lyrics
जय जय श्री बगलामुखी माता, आरति करहुँ तुम्हारी
॥ टेक ॥
पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी ॥ जय-जय”
कर-कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर-नारी ॥ जय-जय”
चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर मुनि जय जयति उचारी ॥ जय-जय”
त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब, भक्ति सदा तव है सुखकारी ॥ जय-जय”
पालत हरत सृजत तुम जग को, सब जीवन की हो रखवारी ॥ जय-जय”
मोह निशा में भ्रमत सकल जन, करहु हृदय महँ, तुम उजियारी ॥ जय-जय”
तिमिर नशावहु ज्ञान बढ़ावहु, अम्बे तुमही हो असुरारी॥ जय-जय”
सन्तन को सुख देत सदा ही, सब जन की तुम प्राण पियारी ॥ जय-जय”
तव चरणन जो ध्यान लगावै, ताको हो सब भव-भयहारी ॥ जय-जय”
प्रेम सहित जो करहिं आरती, ते नर मोक्षधाम अधिकारी ॥ जय-जय”
दोहा-बगलामुखी की आरती, पढ़ें सुनै जो कोय।
विनती कुलपति मिश्र की, सुख-सम्पति सब होय ॥
![](http://www.2035themes.com/tools/muusico/big_ads.jpg)
No comments yet